डॉ. योगेश यादव, सहायक प्रोफेसर जेके लोन अस्पताल जयपुर
चिकित्सा सेवा के साथ-साथ कोरोना के दौरान पीपीई किट बनाने में रहा महत्वपूर्ण योगदान--
चिकित्सा सेवा के साथ-साथ कोरोना के दौरान पीपीई किट बनाने में रहा महत्वपूर्ण योगदान–
डॉ. योगेश यादव, सहायक प्रोफेसर जेके लोन अस्पताल जयपुर-
हर साल 1 जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस मनाया जाता है। डॉक्टर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे मरीजों का न सिर्फ इलाज करते हैं, बल्कि उन्हें एक नया जीवन भी देते हैं। इसलिए उन्हें धरती पर भगवान का दर्जा दिया जाता है, उन्हें जीवनदाता कहा जाता है। डॉक्टरों के समर्पण और ईमानदारी के प्रति सम्मान जाहिर करने के लिए हर साल 1 जुलाई को यह दिवस मनाया जाता है। कोरोना महामारी के दौरान जेके लोन अस्पताल के सहायक प्रोफेसर डॉ योगेश यादव ने एक पहल की शुरुआत कि वह पहल चिकित्सा कर्मियों के साथ-साथ कोरोना वारियर्स के रूप में काम कर रहे लोगों के बीच भी जिंदगी बचाने के लिए काम आई वह था पीपीई किट..! डॉ यादव की पहल पर करीब 4 हज़ार से अधिक पीपीई कीट कोरोना वारियर्स के रूप में काम कर रहे लोगों को नि:शुल्क वितरण किए गए। जिनमें डॉ यादव ने स्वयं खर्चे के साथ भामाशाह का भी सहयोग लिया।
वहीं डॉ यादव के इस पहल की लोगों ने काफी प्रशंसा की और इस दौरान डॉ यादव चिकित्सा सेवा के साथ-साथ सामाजिक कार्य में भी अहम योगदान देखने को मिला।
कोरोना की दूसरी लहर से सभी परेशान हैं. टीकाकरण में तेजी लाई गई है लेकिन इसके बावजूद संक्रमण तेजी से फैल रहा है. कोरोना की चपेट में इस बार मासूम भी आ रहे हैं. जो बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है।
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सब कुछ समझिए एक्सपर्ट डॉक्टर योगेश यादव सहायक प्रोफेसर जेके लोन अस्पताल जयपुर से खास बातचीत की।
अगर बच्चे संक्रमित होते हैं तो निश्चित रूप से घर के कई सदस्य भी संक्रमित हो सकते हैं। अगर नवजात शिशु संक्रमित है तो उसके साथ रहने वाली मां भी प्रभावित हो सकती है। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये दायरा लगातार बड़ा रूप ले सकता है। इस तरह के परिणाम आने से जिले के स्वास्थ्यकर्मियों में भी एक असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
डॉ योगेश यादव सहायक प्रोफेसर जेके लोन अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ ने बताया कि अगर बच्चे कोरोना संक्रमित होते हैं तो इसके जिम्मेदार घर के बड़े हैं. क्योंकि बच्चे हमेशा बड़ों की निगरानी में रहते हैं. एक बच्चा घर में संक्रमित होता है तो उससे संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ जाती है।बच्चे ज्यादा सेंसेटिव होते हैं। उनमें जल्दी संक्रमण फैलता है। इस वक्त मौसम में तब्दीली आ रही है। ये संक्रमण को बढ़ावा देने के लिए मददगार साबित हो सकता है। इसलिए बच्चों को सुरक्षित रखना है,और खुद को भी संभल कर रहना होगा।