
“चिकित्सक भगवान का दूसरा रूप”
देखिए…ये हैं धरती के भगवान, निभा रहे हैं अपना फर्ज…!
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डॉ. आर.के. शर्मा, आरके फैक्चर हॉस्पिटल जयपुर रोड चौमूं

जयपुर/चौमूं। ( Chomu City News ) भगवान के बाद धरती पर अगर किसी को भगवान का दर्जा दिया जाता है, तो वह हैं डॉक्टर। जिनमें बहुत से ऐसे भी हैं जो न केवल अस्पताल के भीतर बल्कि उसके बाहर भी समाज की सेवा कर रहे हैं। कुछ इलाज सहित फ्री दवाएं बांट रहे हैं, तो कुछ समाज में सेहत के प्रति लोगों में जागरूकता का संदेश दे रहे हैं। कुछ नौकरी करते हुए समाज सेवा कर अपना फर्ज निभा रहे हैं। “डॉक्टर्स-डे” पर शहर के कुछ ऐसे ही डॉक्टरों के समाज सेवा से जुड़े पहलुओं पर पत्रकार मनोज सैनी की रिपोर्ट..!
आज “डॉक्टर्स-डे” है और चौमूं शहर के जयपुर रोड स्थित आर.के. फैक्चर हॉस्पिटल के निदेशक डॉ.आर.के.शर्मा आपको बता रहे हैं कि क्या चिकित्सक को भगवान का रूप मानना ठीक है.. और ये कथन कितना सत्य है… जब भी समाज में चिकित्सक ‘शब्द’ का प्रयोग किया जाता है तो एक ऐसा चेहरा सामने आता है, जो सेवा के प्रति समर्पित और बीमार व्यक्तियों की आशा का केन्द्र बना होता है। चिकित्सक को भगवान का दूसरा रूप कहा जाता है। आज के बदलते सामाजिक परिवेश में यह सवाल भी है कि ‘चिकित्सक भगवान का रूप है’। चिकित्सकों का अर्थ प्रेम और रोगियों का चिकित्सक समुदाय से जरूरत से ज्यादा अपेक्षा रखना ठीक नहीं। हर मरीज को पूर्ण स्वस्थ रखने जिम्मेदारी भी चिकित्सक पर ही डालना भी ठीक नहीं हैं। हर बीमारी का इलाज चिकित्सक के पास भी नहीं होता। कई बार तो वह मरीज को बचाने का केवल प्रयास करता है। परिजनों को विस्तार से समझाने के बाद भी अनहोनी होते ही मारपीट पर उतर आते हैं। ऐसी स्थितियां चिकित्सकों के प्रति एक असंतुष्टता का कारण बनकर विवाद उत्पन्त करती है। लोगों को बदलते युग के साथ समाज में भी बदलाव लाना चाहिए। और डॉक्टर्स डे पर आमजन को एक यही संदेश दिया जाता है कि डॉ भगवान का दूसरा रूप होता है, डॉक्टर कोई भी हो या किसी भी हॉस्पिटल का हो जहां पर मरीज के जाने पर अस्पताल में उसकी अच्छे से देखभाल की जाती है। ना कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से किसी की जान जाती है, बल्कि डॉक्टर हर किसी इंसान को बचाने का काम करते हैं।
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चिकित्सा सेवा के साथ-साथ कोरोना के दौरान पीपीई किट बनाने में रहा महत्वपूर्ण योगदान–
डॉ. योगेश यादव, सहायक प्रोफेसर जेके लोन अस्पताल जयपुर-

जयपुर/चौमूं। ( Chomu City News ) हर साल 1 जुलाई को राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस मनाया जाता है। डॉक्टर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे मरीजों का न सिर्फ इलाज करते हैं, बल्कि उन्हें एक नया जीवन भी देते हैं। इसलिए उन्हें धरती पर भगवान का दर्जा दिया जाता है, उन्हें जीवनदाता कहा जाता है। डॉक्टरों के समर्पण और ईमानदारी के प्रति सम्मान जाहिर करने के लिए हर साल 1 जुलाई को यह दिवस मनाया जाता है। कोरोना महामारी के दौरान जेके लोन अस्पताल के सहायक प्रोफेसर डॉ योगेश यादव ने एक पहल की शुरुआत कि वह पहल चिकित्सा कर्मियों के साथ-साथ कोरोना वारियर्स के रूप में काम कर रहे लोगों के बीच भी जिंदगी बचाने के लिए काम आई वह था पीपीई किट..! डॉ यादव की पहल पर करीब 4 हज़ार से अधिक पीपीई कीट कोरोना वारियर्स के रूप में काम कर रहे लोगों को नि:शुल्क वितरण किए गए। जिनमें डॉ यादव ने स्वयं खर्चे के साथ भामाशाह का भी सहयोग लिया।
वहीं डॉ यादव के इस पहल की लोगों ने काफी प्रशंसा की और इस दौरान डॉ यादव चिकित्सा सेवा के साथ-साथ सामाजिक कार्य में भी अहम योगदान देखने को मिला।
कोरोना की दूसरी लहर से सभी परेशान हैं. टीकाकरण में तेजी लाई गई है लेकिन इसके बावजूद संक्रमण तेजी से फैल रहा है. कोरोना की चपेट में इस बार मासूम भी आ रहे हैं. जो बड़े खतरे की ओर इशारा कर रहा है।
बदलते मौसम में कितना घातक है कोरोना ? सर्दी-खांसी होने पर क्या करें..? सब कुछ समझिए एक्सपर्ट डॉक्टर योगेश यादव सहायक प्रोफेसर जेके लोन अस्पताल जयपुर से खास बातचीत की।
अगर बच्चे संक्रमित होते हैं तो निश्चित रूप से घर के कई सदस्य भी संक्रमित हो सकते हैं। अगर नवजात शिशु संक्रमित है तो उसके साथ रहने वाली मां भी प्रभावित हो सकती है। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये दायरा लगातार बड़ा रूप ले सकता है। इस तरह के परिणाम आने से जिले के स्वास्थ्यकर्मियों में भी एक असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
डॉ योगेश यादव सहायक प्रोफेसर जेके लोन अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ ने बताया कि अगर बच्चे कोरोना संक्रमित होते हैं तो इसके जिम्मेदार घर के बड़े हैं. क्योंकि बच्चे हमेशा बड़ों की निगरानी में रहते हैं. एक बच्चा घर में संक्रमित होता है तो उससे संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ जाती है।बच्चे ज्यादा सेंसेटिव होते हैं। उनमें जल्दी संक्रमण फैलता है। इस वक्त मौसम में तब्दीली आ रही है। ये संक्रमण को बढ़ावा देने के लिए मददगार साबित हो सकता है। इसलिए बच्चों को सुरक्षित रखना है,और खुद को भी संभल कर रहना होगा।
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महिला चिकित्सक ने कोरोना की लहर में महिलाओं को बताएं उपचार के टिप्स…!
वीडियो कॉलिंग के जरिए कोरोना से बचाव व रोकथाम की जानकारी दी…
चौमूं निवासी डॉ कविता यादव, असिस्टेंट प्रोफेसर
डॉ. कविता यादव, असिस्टेंट प्रोफेसर एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर

जयपुर/चौमूं। ( Chomu City News ) एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर ने कोरोना की पहली और दूसरी लहर में महिला चिकित्सक ने महिलाओं को कोरिया से बचाव उपचार के बारे में जानकारी दी गई आपको बता दें कि डॉ कविता यादव द्वारा सरकारी चिकित्सा के साथ-साथ लोगों को समाज में जागरूक करने के लिए एक सामाजिक संदेश देते हुए निशुल्क परामर्श वीडियो कॉलिंग के जरिए और ऑनलाइन के द्वारा काफी महिलाओं को भी इस कोरोना वायरस के बारे में बताया गया और बचाव और रोकथाम की जानकारी दी गई वही इन सेवाओं के दौरान लोगों ने डॉ कविता यादव के इस सराहनीय कार्य की प्रशंसा की। वही अपने पति डॉ योगेश यादव के साथ भी पीपीई किट बनाने में डॉक्टर यादव की पत्नी डॉ कविता यादव का भी अहम योगदान रहा एवं जो लोग कोरोना वारियर्स के रूप में काम कर रहे थे। उन सभी को पीपीई किट का निशुल्क वितरण किया गया। डॉक्टर कविता यादव द्वारा इस पहल की शुरुआत की जिससे कोरोना संकट के दौरान काफी लोगों को इस महामारी से बचने में फायदा मिला। इस पहल पर लोगों ने डॉ कविता यादव के कार्यों की प्रशंसा की।
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महिला चिकित्सक ने दिया संदेश— और प्रयास फाउंडेशन के तहत लोगों की मदद..!
चिकित्सक जिम्मेदारियों के साथ सामाजिक कार्यों में भी दिखी रूचि— और सोशल मीडिया पर भी दिखी काफी अच्छी एक्टिविटी..!
डॉ शिखा मील, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ बराला हॉस्पिटल चौमूं

जयपुर/चौमूं। ( Chomu City News ) पूरे देश में फैले कोरोना वायरस ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। ना जाने कितने लोग इस कोरोना महामारी गंभीर जैसी बीमारी का शिकार हो गए। इसी को लेकर हम बात कर रहे हैं चौमूं के एक महिला चिकित्सक कि जो कि डॉ शिखा मील, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ है। महिला चिकित्सक डॉ मील ने कोरोना महामारी के साथ-साथ एक प्रयास फाउंडेशन की मुहिम से जरूरतमंद लोगों की मदद करने का बीड़ा भी उठाया और जरूरतमंद लोगों के बीच जाकर राहत सामग्री देने का काम भी किया है और साथ ही गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को नि:शुल्क परामर्श देने का भी भरोसा दिलाया है। हालांकि की डॉ शिखा मील की सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिविटी देखने को मिलती है। काफी लोग सोशल मीडिया पर डॉक्टर मील के फैन है। जो डॉ शिखा की तारीफ करते हुए नजर आते हैं। इस डॉक्टर्स- डे पर कोरोना की वजह से जान गंवाने वाले सभी डॉक्टर व चिकित्साकर्मियों को हमारी ओर से श्रद्धांजलि। पिछले 2 साल डॉक्टर्स के लिए भी कुछ अलग रहे है।
कोरोना की 2 लहर से मचने वाली तबाही और मौतों ने हमें झकझोर कर दिया। हमें लोगों को चिकित्सीय सपोर्ट के अलावा मानसिक संबल भी देना था। वही लोंगो का इतना नुकसान देखकर खुद को भी इसी संबल की जरूरत थी। अस्पताल से हर दिन घर इसी चिंता के साथ पहुंचते थे। कि ना जाने कब हम परिवारजनों को भी इंफेक्शन ट्रांसफ़र कर दें। इसी बीच साथी डॉक्टर्स की ख़बरें आती रहती थी,जो इस जंग में शहीद हुए हैं। पर डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टाफ के अथक प्रयासों के चलते कितने ही मरीज़ सकुशल अपने घर लौटे l हमें उन डॉक्टर्स के योगदान को भी नहीं भूलना चाहिए। इस बार हम सभी डॉक्टर्स का जनता को यही संदेश है। कोई भी व्यक्ति इस कोरोना महामारी को कम नहीं समझे। क्योंकि यह बहुत गंभीर बीमारी है, और सभी इसी के प्रति लापरवाही नहीं बरतें। सभी लोग आवश्यक रूप से मास्क लगाकर रहे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते रहें। इस महामारी ने यह साबित कर दिया कि दवा मरीज को ठीक कर सकती है, लेकिन मरीज को तो डॉक्टर ही ठीक करता है।
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कोरोना की दूसरी लहर में डॉ बीनू सैनी की पहल…..
अगर आप मास्क पहनेंगे”तो बच्चे मास्क पहनेंगे, “अगर आप हाथ धोएंगे -तो बच्चे हाथ धोएंगे” यह सब करके ही बच्चे कोरोना से बचेंगे..!-
डॉ. बीनू सैनी,मेडिकल सुप्रिडेंट, शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ

पाते हैं। उनको इस बीमारी से कैसे बचाया जाए और इन सभी संबंधित चर्चाओं पर लोगों को समाज में एक सामाजिक संदेश देकर जागरूक करने का काम किया हैं। दूसरी लहर में आमजन को संदेश देते हुए डॉक्टर बीनू सैनी ने कहा कि “अगर आप मास्क पहनेंगे”तो बच्चे मास्क पहनेंगे, “अगर आप हाथ धोएंगे -तो बच्चे हाथ धोएंगे” यह सब करके ही बच्चे कोरोना से बचेंगे..!
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कोरोना महामारी के दौरान लोगों को ऑनलाइन चिकित्सा सेवाओं का दिया नि:शुल्क परामर्श—
चिकित्सा सेवाओं के साथ साथ निभाया मानवता का धर्म…!
चौमूं कस्बे में चिकित्सा सेवाओं के बाद अब अजीतगढ़ में बनाया मल्टीस्पेशलिस्ट हॉस्पिटल…!
डॉ. पूरण सैनी, चेयरमैन गीतांजलि मल्टीस्पेशलिस्ट हॉस्पिटल अजीतगढ़

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कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन किल्लत को दूर करने का किया प्रयास…!
डॉ. एनसी निठारवाल ने जन आधार फाउंडेशन के तहत लोगों की मदद
डॉ. एनसी निठारवाल, निदेशक जनकल्याण हॉस्पिटल जयपुर रोड चौमूं

जयपुर/चौमूं। ( Chomu City News ) चौमूं निवासी डॉ. एनसी निठारवाल ने कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन से लेकर हॉस्पिटल में बेड उपलब्ध करवाने तक की व्यवस्था की गई। डॉ एनसी निठारवाल ने जन आधार फाउंडेशन के तहत जरूरतमंद लोगों की मदद की और कोरोना संकट के दौरान जिन लोगों के पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी। उनका जन आधार फाउंडेशन के तहत मदद की गई और साथ ही इस कोरोना संकट के दौरान जरूरतमंद लोगों को राहत सामग्री सहित चिकित्सा सामग्री के किट भी उपलब्ध करवाए गए। जिससे लोगों ने डॉ एनसी निठारवाल के कार्यों की प्रशंसा की और लोगों ने कहा कि ऐसे समय लोगों की मदद करना किसी पुण्य के कार्य से कम नहीं है। साथ ही डॉ एन सी निठारवाल ने पर्यावरण को बचाने के लिए भी पर्यावरण प्रकृति का संदेश दिया गया और इस समय में लोगों को अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने के लिए भी प्रेरित किया गया। और इसी के साथ ही डॉ एनसी निठारवाल शहर के जनकल्याण हॉस्पिटल में भी चिकित्सा इलाज लेने वाले लोगों को भी काफी हद तक मदद करते हैं। साथ ही जो लोग बिल्कुल असहाय होते हैं उनके लिए निशुल्क ऑपरेशन भी किए गए हैं।
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कोरोना वायरस से डरे नहीं, बल्कि डटकर करें कोरोना का मुकाबला— डॉ. विजेंद्र सैनी
डॉ. विजेंद्र कुमार सैनी, एमडी डर्मेटोलॉजिस्ट

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